ट्विटर ट्रैंड और बेचारे नेता जी


टि्वटर पर ट्रैंड करना इंडियन पॉलिटिशियंस को किसी पुराने प्रेमप्रसंग जैसा लगता होगा जो कभी तो दिल को सुकून देता है कि हां जी हमने एक अच्छा वक्‍त बिताया लेकिन कभी एक अनचाहे भूत की तरह उनके राजनैतिक जीवन में भूचाल खड़ा कर देता है. कभी यह बिना खर्चे वाला प्रचार दे जाता है तो कभी कोई पुरानी चिठ्ठी और चिठ्ठी भेजने वाली को सामने ला देता है. अगर रिसर्च किया जाए तो यह पता चलेगा कि कुछ नेताओं के लैपटाॅप वाले चेले जिनकों सोशल मीडिया असिंटेंट भी कहा जाता है. अपने नेताजी को ट्विटर ट्रैंड के बारे में डायरेक्टली बताने से बचते होंगे कि कहीं ट्विटर ट्रैंड का नाम सुनकर नेता जी को दिल का दौरा बगैरा ना पड़ जाए. इसलिए यह लैपटाॅप चेले ट्रैंड को एनालाईज करके बताते होंगे कि वाह भईया जी क्या बोला आपने राज्यसभा-लोकसभा या टीवी चैनल डिबेट में, इसलिए ट्रैंड कर रहे हैं और सब इंटेलो टाइप के लोग आपकी तारीफ कर रहे हैं. लेकिन अगर ट्रैंड निगेटिव हो तो बोलते होंगे कि ये तो अपोजिशन ने करवाया है. इंटरनेंट पर सब हो सकता है. अब नेताओं के साथ एक समस्या यह है कि ट्विटर कोई टीवी चैनल तो है नही कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और बंद हो गई टेंशन देने वाली न्यूज.

इस माध्यम में समस्या यह है कि आप को पता नही होता कि सोशल मीडिया ट्रॉल्स आपके ईनिशिएटिव को किस तरह लेंगें. यह भी नही पता होता कि ट्विटर पर कितने सर्मथक हैं और कब आपका समर्थक आपकी पार्टी का मजाक उड़ाने वाले ट्वीट को रिट्वीट कर देगा. दूसरी तरफ अगर आप रोजाना किसी भी मुद्दे पर ट्वीट करने वाले नेताओं में शामिल नही हैं तो भी यह जरूरी नही है कि आप ट्विटर पर ट्रैंड नही करेंगे. इस मामले में आलोक नाथ और नील नितिन मुकेश को लेकर बनाए गए मजाकों को याद किया जा सकता है. जो बिना बात के ट्विटर पर कई दिनों तक ट्रैंड करते रहे थे. इन सब में सबसे ताजा मुद्दा है बीजेपी के विजय गोयल का जिन्होंने राज्य सभा में दिल्ली में आने वाले यूपी और बिहार के लोगों को रोके जाने की जरूरत पर बयान दिया. नेता जी के बयान देते ही वे ट्विटर पर ट्रैंड करने लगे. ट्विटर पर लोगों ने उन्हें राज ठाकरे की राजनीति करने वाला और दिल्ली नवनिर्माण सेना बनाने जैसे आइडियाज दे डाले. अच्छा सुनिए इस ट्रैंड के साथ ऐसा नही है कि ये आम लोग हैं और बोल कर शांत हो जाएंगे. ट्विटर ट्रैंड का फायदा विपक्षी पार्टियों के 300 स्पार्टंस जैसे बहादुर और हार ना मानने वाले ट्रॉल्स भी उठाते हैं जो जरा बात में आपका खेल बिगाड़ने को तैयार रहते हैं. मसलन विजय गोयल के स्टेटमेंट देते ही आप और कांग्रेेेेस पार्टी के स्पार्टंस ने गोयल साहब पर हमला बोल दिया. दिनभर के ट्विटर ट्रैंड में आप वालों ने बीजेपी और बीजेपी के जीरेक्सस यानी नरेंद्र मोदी तक को नही बख्शा. जीरेक्सस याद है ना आपको? अरे वो 300 सिपाही वाली मूवी में लंबा और देवता जैसा दिखने वाला आदमी. ट्रॉल्स ने मोदी और मोदी की भाजपा पर विभाजन करने वाली राजनीति का आरोप लगा दिया इसके बाद बिचारे गोयल साहब को चैनलों के डिबेट शोज में जा-जा कर अपना मत स्पष्ट करना पड़ा. हालांकि उन्होंने ट्विटर पर भी कुछ ट्वीट करके अपनी बात कहने की कोशिश की थी लेकिन ट्रैंड में उसकी कौन सुनता है कि जिसका ट्रैंड चल रहा हो. हमारे राजनेता अभी तक इस ट्विटर ट्रैंड बला का तोड़ नही ढूंढ़ पाए हैं.

पोस्ट स्क्रिप्टः ट्विटर ट्रैंड में बड़े नेताओं जैसे नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को कोई खासा फर्क नही पड़ता क्योंकि नरेंद्र मोदी पीएम बन चुके हैं और राहुल गांधी की हाल फिलहाल पीएम बनने की कोई उम्मीद नही दिखाई पड़ती.

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